बचो इस जहरीली आंधी से जो ढाती चली आ रही है हर उस इमारत को बुलंद की थी जो आजादी के मतवालों ने लहू ... बचो इस जहरीली आंधी से जो ढाती चली आ रही है हर उस इमारत को बुलंद की थी जो आजादी...
तन के मैल को खूब मला तूने, मन का मैल न धो पाया! तन के मैल को खूब मला तूने, मन का मैल न धो पाया!
'जय घोष प्यारा हिंदुस्तान, जन-गण-मन गूंजता राष्ट्रगान, लहराता गगनचुंबी तिरंगा अपनी शान।' आजादी का सह... 'जय घोष प्यारा हिंदुस्तान, जन-गण-मन गूंजता राष्ट्रगान, लहराता गगनचुंबी तिरंगा अप...
मन म्ह प्यार जगावती, जन जन म्ह विश्वास मन म्ह प्यार जगावती, जन जन म्ह विश्वास
क्यों दया नहीं रही अब मन में? स्वार्थी भाव भरे हैं जन-जन में, क्यों दया नहीं रही अब मन में? स्वार्थी भाव भरे हैं जन-जन में,
मैं तो बस खोती जाऊँ, प्रियतम, तुझे अंतस में पाऊँ, मैं तो बस खोती जाऊँ, प्रियतम, तुझे अंतस में पाऊँ,